प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के खिलाफ आम आदमी पार्टी का आजमगढ़ में जोरदार प्रदर्शन, राज्यपाल को सौंपा गया ज्ञापन

आजमगढ़, 2 जुलाई।आम आदमी पार्टी की आजमगढ़ इकाई ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कम छात्रसंख्या वाले प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के निर्णय के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष राजेश यादव की गरिमामयी उपस्थिति में एवं जिलाध्यक्ष रविंद्र यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।

प्रांतीय अध्यक्ष राजेश यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 16 जून, 2025 को जारी शासनादेश शिक्षा के अधिकार कानून का स्पष्ट उल्लंघन है। इस आदेश में यह निर्देश दिया गया है कि कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों को पास के बड़े विद्यालयों में विलय कर दिया जाएगा, जिससे लाखों बच्चों की शिक्षा बाधित होगी।

उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “एक तरफ योगी सरकार प्रदेश में रिकॉर्ड संख्या में शराब की दुकानें खोल रही है—केवल 2024 में ही 27,308 नए मदिरालय खोले गए, वहीं दूसरी तरफ शिक्षा के मंदिरों को बंद किया जा रहा है। अब तक 26,000 से अधिक स्कूल बंद हो चुके हैं और 27,000 और बंद करने की योजना बनाई जा रही है। सवाल यह है कि उत्तर प्रदेश को पाठशाला चाहिए या मधुशाला?”

राजेश यादव ने इसे दलितों, पिछड़ों और गरीबों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश करार देते हुए कहा कि सरकार को “दिल्ली मॉडल” की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी विद्यालयों को विकसित करना चाहिए, न कि बंद।

जिलाध्यक्ष रविंद्र यादव ने कहा कि यह आदेश न सिर्फ शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE), बल्कि बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम का भी उल्लंघन है। RTE की धारा 3 और 4 में स्पष्ट प्रावधान है कि प्रत्येक बच्चे के लिए 1 किलोमीटर के दायरे में स्कूल होना अनिवार्य है। यह व्यवस्था केवल विधायिका के माध्यम से बदली जा सकती है, शासनादेश द्वारा नहीं।

उन्होंने कहा कि “दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार ने ऐसे सरकारी स्कूल बनाए हैं, जहां प्राइवेट स्कूलों के छात्र भी दाखिला ले रहे हैं। तो उत्तर प्रदेश में यह संभव क्यों नहीं?”

जिला उपाध्यक्ष अनिल यादव ने चेतावनी दी कि इस आदेश से न सिर्फ 27,000 स्कूल बंद हो जाएंगे, बल्कि वहां कार्यरत शिक्षामित्रों, रसोइयों और 1.35 लाख सहायक शिक्षकों के भविष्य पर भी संकट मंडरा रहा है। इससे 27000 प्रधानाध्यापकों के पद समाप्त हो जाएंगे और लाखों TET पास युवा बेरोजगारी की गर्त में चले जाएंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि योगी सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। सरकारी स्कूलों के स्थान पर अवैध एवं मानकविहीन निजी विद्यालयों को मान्यता दी जा रही है। ऐसे विद्यालय तीन साल के बच्चों को दाखिला दे रहे हैं, जबकि परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश की न्यूनतम आयु छह वर्ष निर्धारित है।

कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाशंकर पाठक, कमलेश सिंह, इसरार अहमद, हरेंद्र यादव, शाहनवाज खान, रूपेश विश्वकर्मा, पीयूष यादव, पदम चौहान, मुकेश राजभर, अरुण मौर्य, सतीश यादव, राम प्रसाद यादव, अभिषेक सिंह, कलीमुर्रहमान, महेंद्र यादव, उमेश यादव, राजेश सिंह, दीनबंधु गुप्ता, रामरूप यादव, रमेश मौर्य समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

आम आदमी पार्टी ने चेताया है कि यदि सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button