उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों की हड़ताल खत्म,सरकार के आश्वासन पर माने कर्मचारी,जाने क्या थी कर्मचारियों की मांग
यूपी में बिजली कर्मियों का जारी हड़ताल खत्म हो गई है. सरकार की तरफ से मिले आश्वासन के बाद बिजली कर्मियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली.सरकार की तरफ से इसकी जानकारी दी गई है. मालूम हो कि बिजली कंपनियों में चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के चयन तथा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मियों ने गुरुवार की रात हड़ताल शुरू की थी,उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे व अन्य कर्मचारी नेताओं के साथ दोपहर 2:30 बजे से जल निगम के फील्ड हॉस्टल ‘संगम’ में वार्ता शुरू की, वार्ता के बाद शैलेंद्र दुबे ने एक दिन पूर्व ही सांकेतिक हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की. शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश की जनता, मुख्यमंत्री और अपनी ओर से समिति के नेताओं को हड़ताल समाप्त करने के लिए धन्यवाद दिया।उधर, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान भारत में बिजली की खपत 10 फीसदी बढ़कर 1375.57 अरब यूनिट (बीयू) हो गई. यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2021-22 में कुल बिजली आपूर्ति से अधिक है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-फरवरी 2021-22 में बिजली की खपत 1245.54 बीयू थी. इसी तरह पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में बिजली की खपत 1374.02 बीयू थी. विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले महीनों में विशेष रूप से गर्मियों में उच्च मांग के मद्देनजर बिजली की खपत दो अंकों में बढ़ने की उम्मीद है।बिजली मंत्रालय ने इस साल अप्रैल के दौरान देश में 229 गीगावाट की बिजली की मांग का अनुमान लगाया है, जो एक साल पहले इसी महीने में दर्ज 215.88 गीगावाट से अधिक है. मंत्रालय ने बिजली की अधिक मांग को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए हैं और राज्य इकाइयों को बिजली कटौती या लोड शेडिंग से बचने के लिए कहा है. मंत्रालय ने सभी आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को 16 मार्च 2023 से 15 जून 2023 तक पूरी क्षमता से चलाने को भी कहा है।