पीएम मोदी एक दूरदर्शी राजनेता, जोखिम उठाने के लिए हमेशा रहते हैं तैयार : सैयद अकबरुद्दीन
PM Modi is a visionary politician, always ready to take risks: Syed Akbaruddin
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने सोमवार को ‘एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024’ में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने मिडिया से खास बातचीत में पीएम मोदी के काम की तारीफ की और 21वीं सदी की भारत की जरूरतों पर चर्चा की। सैयद अकबरुद्दीन ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “मैं दुनिया को वैश्विक नजरिए से देखता हूं। यदि 21वीं सदी को भारत की सदी बनानी है तो भारत को विश्व मंच पर एक निर्णायक शक्ति बनना होगा। इसका मतलब है कि हमें हर महत्वपूर्ण मंच पर होना चाहिए। मैं यह बात इसलिए कह रहा हूं कि हम न केवल सबसे बड़ी आबादी वाला देश हैं, बल्कि हम सबसे बड़े लोकतंत्र भी हैं।” उन्होंने आगे कहा, “दुनिया में पहले कभी एक अरब से ज्यादा लोगों वाला लोकतांत्रिक देश नहीं हुआ है। हमारे पास एक ऐसा नेतृत्व है, जो वैश्विक रूप से जुड़ा हुआ है और हमारे हित भी वैश्विक हैं। यदि 21वीं सदी को भारत की सदी बनानी है, जो होगी भी, तो भारत को महत्वपूर्ण वैश्विक मंचों पर उपस्थिति दर्ज करानी होगी। इसलिए, प्रधानमंत्री मोदी एक दूरदर्शी राजनेता हैं, जिन्होंने अपने व्यक्तिगत उदाहरण से हम सभी को कई तरह से बदलने के लिए प्रेरित किया है। मैं कई सालों तक एक नौकरशाह था और मैं जानता हूं कि प्रधानमंत्री के अपील पर इसमें कितना बदलाव आया है।” पीएम मोदी को अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की जानकारी नहीं होने पर सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, “आज हम वैश्विक और घरेलू स्तर पर बेहतर स्थिति में हैं। जब पीएम मोदी साल 2014 में सरकार में आए थे तो हमने सोचा था कि शायद वह अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, लेकिन आज हम सभी जानते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय संबंध उनका मजबूत पक्ष है। इसलिए, हम सभी भाग्यशाली हैं कि हमारे पास एक नेता है, जो निडर है और जोखिम उठाने के लिए तैयार है। हम सभी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए तैयार है।” उन्होंने भारत-कनाडा के संबंधों पर कहा कि भारत और कनाडा के संबंध 100 साल से ज्यादा पुराने हैं। यह स्तब्धकारी है कि यह रिश्ता इस हद तक खराब हो गया है। यह कड़वाहट मुख्य रूप से कनाडा के कारण है जो उन स्थितियों को संभालने में सक्षम रहा जो उनके लिए असहज थीं, लेकिन कुछ प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए था। मुझे लगता है कि कनाडा ने उन मुद्दों का समाधान न कर गलती की है जो उनके लिए चुनौती है और जिसके बारे में वे समझते हैं कि इस भारत को कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन आम तौर पर ऐसे मसले शांतिपूर्ण कूटनीतिक माध्यमों से हल किए जाते हैं, न कि मेगाफोन कूटनीति के जरिये। सैयद अकबरुद्दीन ने आगे कहा कि इस मामले में कनाडा ने दुर्भाग्य से एक ऐसा रास्ता अपनाया है, जो समाधान की ओर नहीं जाता है। सबसे अच्छा समाधान तब हासिल किया जा सकता है, जब भावनाओं को दूर रखा जाए। ऐसे मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए और हमें उम्मीद है कि भविष्य में यह इस समस्या को हल करने का रास्ता होगा। एक देश के रूप में कनाडा के साथ हमारे बड़े संबंध हैं।