गाजीपुर:राजनीति में रामतेज के धरने का धर्म,लगी है आग तो दूर तलक जाएगी….

Ghazipur: The religion of Ram Tej's sit-in in politics, once the fire has started it will spread far...

गाजीपुर। जिला भाजपा के लिए हमेशा से राजनीतिक प्रयोगशाला रहा है। यहां जातीय राजनीति की उपजाऊ जमीन पर वोटों की फसल खूब लहलहाती है। कभी धूप कभी छांव की तरह यहां भाजपा को मौका मिलता रहा है। आज भी भाजपाई जिले के सारे फल गवांकर ठुंठे टहनी पकड़े राजनीति में लटके हुए है। सत्ताधुन में मस्त नाचते भाजपाइयों के कर्कश कानफोड़ू संगीत से पार्टी के कार्यकर्ताओं सहित आम जनता परेशान है। महगांई, घूसखोरी और नौकरशाहों के मनमाने पन से पस्त व त्रस्त है। हर दफ्तर का बाबू बिना दाम के काम नही कर रहा है। जिले के भाजपा नेता लखनऊ जाकर सीएम कार्यालय और पार्टी दफ्तर में अपनी यशोगाथा गाकर चले आते है जनता की व्यथा कोई नही कहता है। इसी व्यथा की कथा सुनाने रामतेज पांडेय सैदपुर तहसील में धरने पर बैठे है। आज रामतेज पांडेय खुद के राजनीतिक अस्तित्व सहित अपने जातीय नेताओं के समीकरण को साधने की लड़ाई भी लड़ रहे है। आज गाजीपुर भाजपा में क्षत्रिय और भूमिहार लॉबी सक्रिय है वहीं बनिया और ब्राह्मण लॉबी आज उपेक्षित कर किनारे लगा दिया गया है। बाकी जातियों के नेता मुद्दा और नारा बनाने के लिए रखे गए है। इस जिले से दो कद्दावर ब्राह्मण नेता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व राज्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे कलराज मिश्र और महेन्द्रनाथ पांडेय मौजूद है। इसके बावजूद उनके स्वजातीय नेता पार्टी में वैसे ही है जैसे कश्मीरी पुलाव में कश्मीर का नाम रहता है। इसी जिले के एक वर्तमान ब्राह्मण राज्यमंत्री को भी मुख्यालय के भाजपाई काशीवासी मान किनारा कर जाते है। आगामी कुछ दिनों में भाजपा के राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना सुनिश्चित है जिसमें सौभाग्य से इस जिले से दोनों पदों के उम्मीदवार की चर्चा जोरों पर है। पर चयन किसी एक का ही होना है तो दोनों लॉबी एक दूसरे को पछाड़ने के लिए कई पैतरें लेकर मैदान में कूद पड़े है। अपने अपने मोहरों को एक दूसरे को मात देने पर लगा दिए है। रामतेज पांडेय के धरने की सफलता इसके परिणाम से नही बल्कि इसके दूरगामी परिवर्तन में निहित है। जन जन के रगों में रक्त की तरह बहते भ्रष्टाचार की धाराएं किसी एक धरना या प्रदर्शन से समाप्त होने वाला नही है। परंतु गाजीपुर की भाजपाई राजनीति ने एक नया धारा जरूर बहने वाला है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जनांदोलन कर सत्ता में आई भाजपा भी अपने शासन के खिलाफ इस विरोध का विरोध करने से बचेगी। इस विरोध प्रदर्शन से नेता जन भले दूरी बनाएं पर आम जन दिल से जय जयकार कर रही है।

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