पांचवीं पैमाइश में भी महिला को नहीं मिला न्याय, पोखरी की पैमाइश में जुबानी संतुष्टि, रिपोर्ट में हेराफेरी का आरोप
The woman did not get justice even in the fifth measurement, verbal satisfaction in the measurement of Pokhari, allegation of tampering in the report
गाज़ीपुर। जखनियां तहसील अन्तर्गत योगी सरकार में भ्रष्टाचार और राजस्व विभाग की निष्क्रियता का एक और चौंकाने वाला मामला गाजीपुर जिले के जखनिया तहसील का है, जहां बरई पारा गांव की रहने वाली एक समाजसेवी महिला निधि राय पिछले एक वर्ष से न्याय की गुहार लगा रही हैं, लेकिन उन्हें आज तक केवल आश्वासन और कागज़ी खेल ही मिले हैं।निधि राय ने मीडिया से मुख़ातिब होते हुए बताया कि उनके गांव की गाटा संख्या 428, लगभग 2.45 बीघा भूमि की पोखरी पर कुछ दबंग तत्वों ने अतिक्रमण कर लिया है। उन्होंने पोखरी से अवैध कब्जा हटाने के लिए जिलाधिकारी से लेकर उप जिलाधिकारी तक बार-बार आवेदन दिया। हर बार राजस्व विभाग की टीम गांव जाकर पैमाइश करती है, लेकिन तहसील में बैठते ही रिपोर्ट में हेराफेरी कर दी जाती है।निधि राय का कहना है कि ऐसा पांच बार हो चुका है, हर बार जुबानी तौर पर तो कहा जाता है कि आपकी बात सही है, लेकिन रिपोर्ट में अतिक्रमण हटाने की जगह दबंगों को संरक्षण मिल रहा है।तहसीलदार देवेंद्र कुमार यादव से मुलाकात के बाद भी निधि को कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। उन्होंने एक बार फिर उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।निधि राय ने आरोप लगाया कि सरकार चाहे कितनी भी पारदर्शिता की बात करे, लेकिन ज़मीनी हकीकत में अधिकारियों की मिलीभगत और भ्रष्टाचार के चलते गरीब और महिला फरियादी को दर-दर भटकना पड़ रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि यदि अधिकारियों की कार्यशैली ऐसी ही रही तो आम जनता का प्रशासन और सरकार पर से विश्वास उठ जाएगा। अब देखना यह होगा कि क्या योगी सरकार में इस महिला को इंसाफ मिलेगा या फिर न्याय की यह पुकार भी फाइलों की धूल में दब कर रह जाएगी।