कागज़ों में मृत हकीकत में जिंदा — न्याय के लिए दर दर भटक रहा खड़क सिंह

विनय मिश्र, जिला संवाददाता।
सलेमपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत
शंकरपुर मझौली राज गांव के निवासी खड़क सिंह पुत्र दशरथ रोज़गार के तलाश में वर्षों पहले असम गए खड़क सिंह वहीं परिवार समेत रहने लगे। लंबे समय तक गांव से बाहर रहने और हादसे में घायल, गंभीर रूप से घायल हो जाने के कारण वे काफी समय तक अपने गांव वापस नहीं लौटे
इसी बीच, उनके ही परिजनों ने‌
जिनमें उनके सगे भाई भी शामिल हैं उन्हें कागज़ों, स्थानी जमीन हड़पने के लिए कागजों में “मृतक” घोषित कर दिया। जब खड़क सिंह गांव लौटे, तो न केवल उन्हें उनके ही घर में घुसने से रोका गया, बल्कि जान से मारने की धमकियां भी दी गईं।
अब खड़क सिंह, उम्रदराज़ और थके हुए, अपने झोले में दस्तावेजों लेकर एक अदद पहचान और जमीन की वापसी के लिए दर-दर की भटक रहे हैं। आधार कार्ड, परिवार रजिस्टर, पुराने दस्तावेज — सब कुछ उनके पास है।
उन्होंने सलेमपुर के, उपजिला अधिकारी दिशा श्रीवास्तव से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने कहा, “मैं अपने पूरे होशो-हवास में जीवित हूं। अगर दस्तावेजों से ही पहचान तय होती है, तो मेरे पास हर प्रमाण मौजूद है। मुझे दोबारा ‘जिंदा’ माना जाए और मेरी जमीन लौटाई जाए।”
प्रशासन की पहल उपजिला अधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तहकीकात के आदेश जारी किए हैं। अब खड़क सिंह को न्याय , मिलने की उम्मीद जाग चुकी है खड़क सिंह का कहना है कि , साहब अभी मैं जिंदा हूं।

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