पृथ्वी दिवस :प्लास्टिक का उपयोग मानव जीवन ही नही जीव जन्तुओं के साथ पृथ्वी को भी प्रदुषित करते है :विमल कुमार

रिपोर्ट अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी ब्यूरो चीफ हिंद एकता टाइम्स

बलिया
वन विहार पार्क जीराबस्ती स्थित सभागार में वन विभाग द्वारा विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया। पृथ्वी दिवस का विषय वस्तु “ग्रह बनाम प्लास्टिक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग बलिया श्री विमल कुमार आनन्द द्वारा उद्धबोधन कर कार्यक्रम का आरम्भ किया गया। तदउपरान्त कार्यक्रम उपस्थित क्षेत्रीय वन अधिकारी छाता श्री प्रशान्त कुमार शर्मा द्वारा पृथ्वी दिवस की विषय वस्तु “ग्रह बनाम प्लास्टिक” पर विस्तार से अपने विचार रखे गये। उनके द्वारा बताया गया कि प्लास्टिक का उपयोग मानव जिवन ही नही वरन जीव जन्तुओं के साथ-साथ ग्रहों (पृथ्वी) को भी प्रदूषित कर रहे है। हमें प्लास्टिक के उपयोग से बचना चाहिये, घरेलू उपयोग की वस्तुओं को बाजार से खरीदते समय प्लास्टिक के स्थान पर कागज एवं कपड़े के थैलों का प्रयोग करना चाहिये तथा आम जनमानस को भी प्लास्टिक के दूष्परिणाम से अवगम कराते हुये कागज एवं कपड़े के थैलों का प्रयोग हेतु प्रोत्साहित किया जाये। प्रभागीय निदेशक महोदय द्वारा बताया गया कि प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को “वर्ल्ड अर्थ डे” यानि विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस मनाने का उद्देश्य है कि लोग पृथ्वी के महत्व को समझकर अपने आस-पास के पर्यावरण को शुद्ध स्वच्छ बनाये रखने का प्रयास करें। विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की सुरूआत वर्ष 1970 में संयुक्त राज्य अमेरिका में हुयी
थी। इसका श्रेय पर्यावरण को बचाने हेतु नये रास्तों की खोज में लगे हुये अमेरिकी शिनेरटर गेलार्ड नेल्सन को दिया जाता है। इस वर्ष 2024 में विश्व पृथ्वी दिवस की थीम – प्लेनेट वर्सेज प्लास्टिक तय की गयी है, जिसका उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करके उसके विकल्प तलाशने पर जोर देना है। माना जा रहा है कि विश्व पृथ्वी दिवस पर पिछले साल
के अभियान के सफलता के आधार पर, यह थीम प्लास्टिक के उपयोग समाप्त करके दुनिया भर में पृथ्वी – पर्यावरण को लेकर सकारात्मक बदलाव लाने तथा आज की चुनौतियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है, ताकि हम धरती का संरक्षण कर सकें। वर्तमान समय में प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग, बढ़ते संसाधनों, कारखाने, वाहन, वायु प्रदूषण, बढ़ते मकान तथा कट रहे वृक्षों तथा प्रकृति के साथ बेरहम मनमानी के कारण पृथ्वी को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। जिसके चलते आगामी समय में हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अतः पृथ्वी के बचाव के
लिए शीघ्र ही हमें प्लास्टिक फ्री फ्यूचर को लेकर उचित कार्य करके इसके बचाने का भरसक प्रयत्न करना होगा, और पर्यावरण संरक्षण तथा उसकी रक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाना होगा। अन्त में धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम समापन की घोषण किया जाता है। कार्यक्रम में बलिया वन प्रभाग के क्षेत्रीय वन अधिकारी बलिया, छाता, बासंडीह और बैरिया के साथ-साथ फिल्ड स्टाफ एवं प्रभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे। कम्पोजिट विद्यालय भरतपुरा के बच्चे, प्रधानाध्यापिका हेमलता सिंह एवं अन्य शिक्षकगण कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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