सपा-भाजपा के नेता पूरी कोशिश कर रहे थे कि मैं चुनाव न लड़ पाऊं : नवाब मलिक

SP-BJP leaders were trying their best that I should not contest elections: Nawab Malik

मुंबई: महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग होगी। इसके लिए राज्य में चुनावी सरगर्मियां जोरों पर हैं। राज्य की शिवाजी नगर सीट से कयास लगाए जा रहे थे कि एनसीपी प्रत्याशी नवाब मलिक अपना नामांकन वापस ले लेंगे। इस पर उन्होंने मिडिया से बात करते हुए खुलकर जवाब दिया।उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी के नेता पूरी कोशिश कर रहे थे कि मैं चुनाव नहीं लड़ पाऊं। वे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मिलकर कह रहे थे कि मुझे टिकट न लेने दिया जाए। फिर मुझे नामांकन से रोकने के ल‍िए पूरी कोश‍िश की गई। वे चाहते थे कि मेरा नामांकन रद्द करवा दिया जाए, लेकिन उनका कोई भी दबाव असर नहीं कर पाया।”

उन्होंने कहा, “अजित पवार ने यह निर्णय लिया कि जनता की मांग पर मैं चुनाव लड़ूं। जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का हमें विश्वास है। हम नशाखोरी, ड्रग्स, और गुंडागर्दी के खिलाफ और अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था, शिक्षा और बुनियादी व्यवस्था के निर्माण के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। बदलाव की आवाज सुनकर, जनता ने मुझे इस चुनाव में उतारा है, और हमें पूरा विश्वास है कि जनता हमें जिताएगी। जब जनता किसी व्यक्ति को चुनाव लड़ाने के लिए आगे आती है, तो यह बात अहम हो जाती है। नामांकन के दिन यह भी तय नहीं था कि मैं किसी पार्टी से लड़ रहा हूं या स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर। लेकिन जैसे ही जनता ने मुझे समर्थन दिया, 15 हजार की भीड़ उमड़ पड़ी हमारे सा‍थ। जनता ने मुझे खड़ा किया है, और वही मेरे साथ खड़ी है।उन्होंने कहा, “मुझे लगता है इस चुनाव में कुछ भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है, जैसे कि शिवसेना का उम्मीदवार जीत जाएगा, क्योंकि दो प्रमुख दलों के बीच लड़ाई है। लेकिन यह बात सही नहीं है, क्योंकि 25 से 30 हजार वोटों में कोई चुनाव नहीं जीत सकता। मेरी लड़ाई सीधे आजमी से है, और उनके खिलाफ जो गुस्सा और नाराजगी लोगों में है, उसे देखते हुए मुझे पूरा विश्वास है कि मैं इस चुनाव को बड़े अंतर से जीतूंगा। पूरा देश, खासकर महाराष्ट्र और मुंबई की जनता, यह समझती है कि मुझे इतना समर्थन क्यों मिल रहा है। लोग मुझसे जुड़े हुए हैं क्योंकि मैं उनके मुद्दों को उठाता हूं। हम शिवाजी नगर को ड्रग्स, गंदगी, और गुंडागर्दी से मुक्त करने की आवाज़ उठाते हैं। जनता का गुस्सा है, और यह बदलाव होकर रहेगा।”

 

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