प्रदेश में मिशन वात्सल्य के अन्तर्गत बच्चों का किया जा रहा है संरक्षण, बाल विकास व पुनर्वास
Protection, child development and rehabilitation of children is being done under Mission Vatsalya in the state
आजमगढ़ 04 जुलाई– प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हर वर्ग के नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा एवं आत्मनिर्भर बनाने की योजना लागू कर उनके उज्जवल भविष्य को सवांरा है। बालिकाओं, किशोरियों, महिलाओं सहित वृद्धजनों, दिव्यांगजनों, पति की मृत्योपरान्त निराश्रित महिलाओं, अनुसचित जाति/जनजाति के लोगों पिछड़ों, गरीबों श्रमिकों सहित समाज के कमजोर वर्गों को रोजगार के अवसर सहित विभिन्न संचालित योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है।महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों के कल्याण एवं पुनर्वास के लिए एक केन्द्र प्रायोजित योजना मिशन वात्सल्य (पूर्व की बाल संरक्षण सेवा योजना) शुरू की है। मिशन वात्सल्य का लक्ष्य भारत के हर बच्चे के लिए एक स्वस्थ एवं खुशहाल बचपन सुनिश्चित करना, उन्हें अपनी पूर्ण क्षमता का पता लगाने के लिए अवसर प्रदान करना. हर क्षेत्र में विकास के लिए सहायता प्रदान करना, उनके लिए ऐसी संवेदनशील, समर्थनकारी और समकालिक ईको-व्यवस्था स्थापित करना है जिसमें उनका पूर्ण विकास हो। इसके साथ ही राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को किशोर न्याय कानून 2015 के अनुरुप सुविधाएं मुहैया कराने तथा सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करना है। मिशन वात्सल्य अंतिम उपाय के रूप में बच्चों के संस्थागतकरण के सिद्धांत के आधार पर कठिन परिस्थितियों में बच्चों की परिवार आधारित गैर-संस्थागत देखभाल को बढ़ावा दिया जाता है।मिशन वात्सल्य के मुख्य कार्यों में संवैधानिक निकायों के कामकाज में सुधार लाना, सेवा प्रदान करने के ढांचे को मजबूत बनाना, संस्थागत देखभाल और सेवाओं के स्तर में वृद्धि करना, गैर-संस्थागत समुदाय आधारित देखभाल को प्रोत्साहित करना, आपात स्थिति में पहुंच उपलब्ध कराना, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण शामिल हैं। मिशन वात्सल्य को केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजना के तौर पर केन्द्र तथा राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों की सरकारों के बीच निर्धारित लागत बंटवारा अनुपात के अनुरूप लागू किया गया है। मिशन वात्सल्य योजना प्रदेश में संचालित है।मिशन वात्सल्य के अन्तर्गत घर से भागे हुये बच्चों, गुमशुदा बच्चों, तस्करी किये गये बच्चों, कामकाजी बच्चों, गली मुहल्लों में रहने वाले, बाल भिखारी, मादक द्रव्यों के सेवन करने वाले बच्चों आदि की देखभाल के लिए राज्य सरकार द्वारा खोले गये आश्रयों में उनका विकास किया जा रहा ज्य सरकार द्वारा मिशन वात्सल्य योजना प्रदेश में संचालित की जा रही है। अधिनियम के प्रावधानों के प्रदेश में कुल 58 राजकीय संस्थायें (27) राजकीय सम्प्रेक्षण गृह, 08 बाल गृह (बालक), 05 बाल गृह (बालिका), 06 बाल गृह (शिशु), 05 विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण, 02 विशेष गृह, 01 प्लेस ऑफ सेफ्टी, 05 पश्चात्वर्ती देख रेख संगठन) संचालित है। साथ ही पी०पी०पी० माडल के अन्तर्गत स्वैच्छिक संगठनों के सहयोग से जनपद लखनऊ में मानसिक मंदित विशेषीकृत बच्चों के लिए 02 राजकीय विशेषीकृत संस्थायें संचालित है।
वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक कुल 1713 बालकों को दत्तक ग्रहण के माध्यम से पुनर्वासित किया गया है। अभी तक 1007 बच्चों को स्पॉन्सरशिप से तथा 05 बच्चों को फॉस्टर केयर के अंतर्गत लाभान्वित किया गया है। प्रदेश में वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक कुल 93658 बच्चों को उनके माता-पिता/अभिभावकों से मिलाया गया तथा 1707 संभावित बाल विवाह रोके गये हैं।